समुंद्री जल के ऊपर उठने की क्रिया को ज्वार कहा जाता है जबकि निचे गिरने की क्रिया को भाटा कहा जाता है |
ज्वार एवं भाटा आने का कारण
सूर्य एवं चन्द्रमा का ग्रुत्वकर्षण शक्ति है ज्वार पर सबसे जयादा प्रभाव चन्द्रमा
का होता है जबकि सूर्य का इसमें कम होता है क्योकि सूर्य के अनुपात में चन्द्रमा पृथ्वी
के नजदीक है |
किसी भी स्थान पर दिन में दो
बार ज्वार भाटा आता है | इस प्रकार से ज्वार भाटा के बिच 12 घंटा का अंतर होना
चाहिए, लेकिन यह हर बार देरी से आता है |
Ø दीर्घ ज्वार :-
दीर्घ ज्वार की स्थिति में समुन्द्र का जल काफी ऊपर उठ जाता है जब सूर्य, पृथ्वी
तथा चन्द्रमा एक सीधी रेखा में होते है तो दीर्घ ज्वार आता है दीर्घ ज्वार अमवस्या
एवं पूर्णिमा में आता है |
Ø लघु जवार :-
जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा तीनो मिलकर समकोण बनाते है तो ऐसी स्थिति में लघु ज्वार आता है क्योकि सूर्य एवं चन्द्रमा का ग्रुत्वकर्षण शक्ति एक दुसरे के विरुद्ध कार्य करने लगते है लघु जवार कृष्ण पक्ष एवं शुकल पक्ष के सप्तमी या अठ्मी को आता है |
विश्व का सबसे उच्चा जवार फंडी की खाड़ी (USA) में आता है | ब्रिटेन का साउठेपटन
शहर में एक दिन में 4 बार ज्वार आता है 2 बार उतरी सागर से आता है और 2 बार
इंग्लिश चैनेल से आता है |
भारत में सबसे ऊँचा ज्वार ओखा
(गुजरात ) में आता है |
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