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कोरियालीस बल / फेरल का नियम



कोरियालीस बल / फेरल का नियम : -

उतरी गोलार्द्ध मे पवन अपनी दिशा की दाहनी ओर झुक जाती है जबकी दक्षिणी गोलार्ध मे पवन अपने दिशा के बाई तरफ झुक जाती है |

1.     व्यापरिक पवन :-

यह एक सनातनी पवन है जो सालोभर एक ही दिशा मे प्रवहीत होती है व्यपारीक पवन 0 डिग्री से 30 डिग्री दोनों गोलार्ध मे प्रवाहीत होती है यह पवन उच्च अक्षांश से निम्न अक्षांश की ओर चलती है | 

2.     पहुआ पवनः-

यह भी एक सनातनी पवन है जो सालोभर पश्चिम से पूर्व दिशा कि ओर प्रवाहीत होता है यह पवन निम्न अक्षांश से उच्च अक्षांश की ओर चलती है |

3.     ध्रवीय पवनः-

यह भी एक सनातती पवन है जो उच्च अक्षांश से निम्न अक्षांश कि ओर चलती है |

·       अश्व अक्षांशः-

30 डिग्री से 35 डिग्री दोनो गोलार्ध मे स्थित  पेटी को अश्व अक्षाशं कहा जता है।

·       डोल ड्रम या शांत पेटीः-

0° से 10° दोनो गोलार्ध मे स्थीत पेटी को डोलड्रम कहा जाता है निम्न दाब होने के कारण यहाँ पर मौसम सांत पाया जाता है इस लिए इसे शांत पेटी भी कहा जाता हैं डोलड्रम के क्षेत्रो मे प्रतिदिन 2 से 4 बजे के बिच संवहनिय वर्षा होती हैं |



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